125قالَ رَبِّ لِمَ حَشَرتَني أَعمىٰ وَقَد كُنتُ بَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह कहेगा, "ऐ मेरे रब! तूने मुझे अंधा क्यों उठाया, जबकि मैं आँखोंवाला था?"