124وَمَن أَعرَضَ عَن ذِكري فَإِنَّ لَهُ مَعيشَةً ضَنكًا وَنَحشُرُهُ يَومَ القِيامَةِ أَعمىٰफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जिस किसी ने मेरी स्मृति से मुँह मोडा़ तो उसका जीवन संकीर्ण होगा और क़ियामत के दिन हम उसे अंधा उठाएँगे।"