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Sura 2
Aya 79
79
فَوَيلٌ لِلَّذينَ يَكتُبونَ الكِتابَ بِأَيديهِم ثُمَّ يَقولونَ هٰذا مِن عِندِ اللَّهِ لِيَشتَروا بِهِ ثَمَنًا قَليلًا ۖ فَوَيلٌ لَهُم مِمّا كَتَبَت أَيديهِم وَوَيلٌ لَهُم مِمّا يَكسِبونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

पस वाए हो उन लोगों पर जो अपने हाथ से किताब लिखते हैं फिर (लोगों से कहते फिरते) हैं कि ये खुदा के यहाँ से (आई) है ताकि उसके ज़रिये से थोड़ी सी क़ीमत (दुनयावी फ़ायदा) हासिल करें पस अफसोस है उन पर कि उनके हाथों ने लिखा और फिर अफसोस है उनपर कि वह ऐसी कमाई करते हैं