78وَمِنهُم أُمِّيّونَ لا يَعلَمونَ الكِتابَ إِلّا أَمانِيَّ وَإِن هُم إِلّا يَظُنّونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उनमें सामान्य बेपढ़े भी हैं जिन्हें किताब का ज्ञान नहीं है, बस कुछ कामनाओं एवं आशाओं को धर्म जानते हैं, और वे तो बस अटकल से काम लेते हैं