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Sura 2
Aya 77
77
أَوَلا يَعلَمونَ أَنَّ اللَّهَ يَعلَمُ ما يُسِرّونَ وَما يُعلِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या वे जानते नहीं कि अल्लाह वह सब कुछ जानता है, जो कुछ वे छिपाते और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं?