48وَاتَّقوا يَومًا لا تَجزي نَفسٌ عَن نَفسٍ شَيئًا وَلا يُقبَلُ مِنها شَفاعَةٌ وَلا يُؤخَذُ مِنها عَدلٌ وَلا هُم يُنصَرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उस दिन से डरो (जिस दिन) कोई शख्स किसी की तरफ से न फिदिया हो सकेगा और न उसकी तरफ से कोई सिफारिश मानी जाएगी और न उसका कोई मुआवज़ा लिया जाएगा और न वह मदद पहुँचाए जाएँगे