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Sura 2
Aya 272
272
۞ لَيسَ عَلَيكَ هُداهُم وَلٰكِنَّ اللَّهَ يَهدي مَن يَشاءُ ۗ وَما تُنفِقوا مِن خَيرٍ فَلِأَنفُسِكُم ۚ وَما تُنفِقونَ إِلَّا ابتِغاءَ وَجهِ اللَّهِ ۚ وَما تُنفِقوا مِن خَيرٍ يُوَفَّ إِلَيكُم وَأَنتُم لا تُظلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ऐ रसूल उनका मंज़िले मक़सूद तक पहुंचाना तुम्हारा काम नहीं (तुम्हारा काम सिर्फ रास्ता दिखाना है) मगर हॉ ख़ुदा जिसको चाहे मंज़िले मक़सूद तक पहुंचा दे और (लोगों) तुम जो कुछ नेक काम में ख़र्च करोगे तो अपने लिए और तुम ख़ुदा की ख़ुशनूदी के सिवा और काम में ख़र्च करते ही नहीं हो (और जो कुछ तुम नेक काम में ख़र्च करोगे) (क़यामत में) तुमको भरपूर वापस मिलेगा और तुम्हारा हक़ न मारा जाएगा