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Sura 2
Aya 270
270
وَما أَنفَقتُم مِن نَفَقَةٍ أَو نَذَرتُم مِن نَذرٍ فَإِنَّ اللَّهَ يَعلَمُهُ ۗ وَما لِلظّالِمينَ مِن أَنصارٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और तुम जो कुछ भी ख़र्च करो या कोई मन्नत मानो ख़ुदा उसको ज़रूर जानता है और (ये भी याद रहे) कि ज़ालिमों का (जो) ख़ुदा का हक़ मार कर औरों की नज़्र करते हैं (क़यामत में) कोई मददगार न होगा