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Sura 2
Aya 261
261
مَثَلُ الَّذينَ يُنفِقونَ أَموالَهُم في سَبيلِ اللَّهِ كَمَثَلِ حَبَّةٍ أَنبَتَت سَبعَ سَنابِلَ في كُلِّ سُنبُلَةٍ مِائَةُ حَبَّةٍ ۗ وَاللَّهُ يُضاعِفُ لِمَن يَشاءُ ۗ وَاللَّهُ واسِعٌ عَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जो लोग अपने माल खुदा की राह में खर्च करते हैं उनके (खर्च) की मिसाल उस दाने की सी मिसाल है जिसकी सात बालियॉ निकलें (और) हर बाली में सौ (सौ) दाने हों और ख़ुदा जिसके लिये चाहता है दूना कर देता है और खुदा बड़ी गुन्जाइश वाला (हर चीज़ से) वाक़िफ़ है