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Sura 2
Aya 219
219
۞ يَسأَلونَكَ عَنِ الخَمرِ وَالمَيسِرِ ۖ قُل فيهِما إِثمٌ كَبيرٌ وَمَنافِعُ لِلنّاسِ وَإِثمُهُما أَكبَرُ مِن نَفعِهِما ۗ وَيَسأَلونَكَ ماذا يُنفِقونَ قُلِ العَفوَ ۗ كَذٰلِكَ يُبَيِّنُ اللَّهُ لَكُمُ الآياتِ لَعَلَّكُم تَتَفَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुमसे शराब और जुए के विषय में पूछते है। कहो, "उन दोनों चीज़ों में बड़ा गुनाह है, यद्यपि लोगों के लिए कुछ फ़ायदे भी है, परन्तु उनका गुनाह उनके फ़ायदे से कहीं बढकर है।" और वे तुमसे पूछते है, "कितना ख़र्च करें?" कहो, "जो आवश्यकता से अधिक हो।" इस प्रकार अल्लाह दुनिया और आख़िरत के विषय में तुम्हारे लिए अपनी आयते खोल-खोलकर बयान करता है, ताकि तुम सोच-विचार करो।