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Sura 2
Aya 218
218
إِنَّ الَّذينَ آمَنوا وَالَّذينَ هاجَروا وَجاهَدوا في سَبيلِ اللَّهِ أُولٰئِكَ يَرجونَ رَحمَتَ اللَّهِ ۚ وَاللَّهُ غَفورٌ رَحيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

रहे वे लोग जो ईमान लाए और जिन्होंने अल्लाह के मार्ग में घर-बार छोड़ा और जिहाद किया, वहीं अल्लाह की दयालुता की आशा रखते है। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है