198لَيسَ عَلَيكُم جُناحٌ أَن تَبتَغوا فَضلًا مِن رَبِّكُم ۚ فَإِذا أَفَضتُم مِن عَرَفاتٍ فَاذكُرُوا اللَّهَ عِندَ المَشعَرِ الحَرامِ ۖ وَاذكُروهُ كَما هَداكُم وَإِن كُنتُم مِن قَبلِهِ لَمِنَ الضّالّينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइसमे तुम्हारे लिए कोई गुनाह नहीं कि अपने रब का अनुग्रह तलब करो। फिर जब तुम अरफ़ात से चलो तो 'मशअरे हराम' (मुज़दल्फ़ा) के निकट ठहरकर अल्लाह को याद करो, और उसे याद करो जैसाकि उसने तुम्हें बताया है, और इससे पहले तुम पथभ्रष्ट थे