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Sura 2
Aya 197
197
الحَجُّ أَشهُرٌ مَعلوماتٌ ۚ فَمَن فَرَضَ فيهِنَّ الحَجَّ فَلا رَفَثَ وَلا فُسوقَ وَلا جِدالَ فِي الحَجِّ ۗ وَما تَفعَلوا مِن خَيرٍ يَعلَمهُ اللَّهُ ۗ وَتَزَوَّدوا فَإِنَّ خَيرَ الزّادِ التَّقوىٰ ۚ وَاتَّقونِ يا أُولِي الأَلبابِ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

हज के महीने जाने-पहचाने और निश्चित हैं, तो जो इनमें हज करने का निश्चय करे, को हज में न तो काम-वासना की बातें हो सकती है और न अवज्ञा और न लड़ाई-झगड़े की कोई बात। और जो भलाई के काम भी तुम करोंगे अल्लाह उसे जानता होगा। और (ईश-भय) पाथेय ले लो, क्योंकि सबसे उत्तम पाथेय ईश-भय है। और ऐ बुद्धि और समझवालो! मेरा डर रखो