179وَلَكُم فِي القِصاصِ حَياةٌ يا أُولِي الأَلبابِ لَعَلَّكُم تَتَّقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ऐ अक़लमनदों क़सास (के क़वाएद मुक़र्रर कर देने) में तुम्हारी ज़िन्दगी है (और इसीलिए जारी किया गया है ताकि तुम ख़ूंरेज़ी से) परहेज़ करो