142۞ سَيَقولُ السُّفَهاءُ مِنَ النّاسِ ما وَلّاهُم عَن قِبلَتِهِمُ الَّتي كانوا عَلَيها ۚ قُل لِلَّهِ المَشرِقُ وَالمَغرِبُ ۚ يَهدي مَن يَشاءُ إِلىٰ صِراطٍ مُستَقيمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमूर्ख लोग अब कहेंगे, "उन्हें उनके उस क़िबले (उपासना-दिशा) से, जिस पर वे थे किस ची़ज़ ने फेर दिया?" कहो, "पूरब और पश्चिम अल्लाह ही के है, वह जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखाता है।"