104يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لا تَقولوا راعِنا وَقولُوا انظُرنا وَاسمَعوا ۗ وَلِلكافِرينَ عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमानवालों तुम (रसूल को अपनी तरफ मुतावज्जे करना चाहो तो) रआना (हमारी रिआयत कर) न कहा करो बल्कि उनज़ुरना (हम पर नज़रे तवज्जो रख) कहा करो और (जी लगाकर) सुनते रहो और काफिरों के लिए दर्दनाक अज़ाब है