90تَكادُ السَّماواتُ يَتَفَطَّرنَ مِنهُ وَتَنشَقُّ الأَرضُ وَتَخِرُّ الجِبالُ هَدًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिकट है कि आकाश इससे फट पड़े और धरती टुकड़े-टुकड़े हो जाए और पहाड़ धमाके के साथ गिर पड़े,