67أَوَلا يَذكُرُ الإِنسانُ أَنّا خَلَقناهُ مِن قَبلُ وَلَم يَكُ شَيئًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या मनुष्य याद नहीं करता कि हम उसे इससे पहले पैदा कर चुके है, जबकि वह कुछ भी न था?