52وَنادَيناهُ مِن جانِبِ الطّورِ الأَيمَنِ وَقَرَّبناهُ نَجِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने उसे 'तूर' के मुबारक छोर से पुकारा और रहस्य की बातें करने के लिए हमने उसे समीप किया