46قالَ أَراغِبٌ أَنتَ عَن آلِهَتي يا إِبراهيمُ ۖ لَئِن لَم تَنتَهِ لَأَرجُمَنَّكَ ۖ وَاهجُرني مَلِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(आज़र ने) कहा (क्यों) इबराहीम क्या तू मेरे माबूदों को नहीं मानता है अगर तू (इन बातों से) किसी तरह बाज़ न आएगा तो (याद रहे) मैं तुझे संगसार कर दूँगा और तू मेरे पास से हमेशा के लिए दूर हो जा