45يا أَبَتِ إِنّي أَخافُ أَن يَمَسَّكَ عَذابٌ مِنَ الرَّحمٰنِ فَتَكونَ لِلشَّيطانِ وَلِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ अब्बा मैं यक़ीनन इससे डरता हूँ कि (मुबादा) खुदा की तरफ से आप पर कोई अज़ाब नाज़िल हो तो (आख़िर) आप शैतान के साथी बन जाईए