42إِذ قالَ لِأَبيهِ يا أَبَتِ لِمَ تَعبُدُ ما لا يَسمَعُ وَلا يُبصِرُ وَلا يُغني عَنكَ شَيئًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजबकि उसने अपने बाप से कहा, "ऐ मेरे बाप! आप उस चीज़ को क्यों पूजते हो, जो न सुने और न देखे और न आपके कुछ काम आए?