4قالَ رَبِّ إِنّي وَهَنَ العَظمُ مِنّي وَاشتَعَلَ الرَّأسُ شَيبًا وَلَم أَكُن بِدُعائِكَ رَبِّ شَقِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "मेरे रब! मेरी हड्डियाँ कमज़ोर हो गई और सिर बुढापे से भड़क उठा। और मेरे रब! तुझे पुकारकर मैं कभी बेनसीब नहीं रहा