37فَاختَلَفَ الأَحزابُ مِن بَينِهِم ۖ فَوَيلٌ لِلَّذينَ كَفَروا مِن مَشهَدِ يَومٍ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु उनमें कितने ही गिरोहों ने पारस्परिक वैमनस्य के कारण विभेद किया, तो जिन लोगों ने इनकार किया उनके लिए बड़ी तबाही है एक बड़े दिन की उपस्थिति से