10قالَ رَبِّ اجعَل لي آيَةً ۚ قالَ آيَتُكَ أَلّا تُكَلِّمَ النّاسَ ثَلاثَ لَيالٍ سَوِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "मेरे रब! मेरे लिए कोई निशानी निश्चित कर दे।" कहा, "तेरी निशानी यह है कि तू भला-चंगा रहकर भी तीन रात (और दिन) लोगों से बात न करे।"