99۞ وَتَرَكنا بَعضَهُم يَومَئِذٍ يَموجُ في بَعضٍ ۖ وَنُفِخَ فِي الصّورِ فَجَمَعناهُم جَمعًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हम उस दिन (उन्हें उनकी हालत पर) छोड़ देंगे कि एक दूसरे में (टकरा के दरिया की) लहरों की तरह गुड़मुड़ हो जाएँ और सूर फूँका जाएगा तो हम सब को इकट्ठा करेंगे