98قالَ هٰذا رَحمَةٌ مِن رَبّي ۖ فَإِذا جاءَ وَعدُ رَبّي جَعَلَهُ دَكّاءَ ۖ وَكانَ وَعدُ رَبّي حَقًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजुलक़रनैन ने (दीवार को देखकर) कहा ये मेरे परवरदिगार की मेहरबानी है मगर जब मेरे परवरदिगार का वायदा (क़यामत) आयेगा तो इसे ढहा कर हमवार कर देगा और मेरे परवरदिगार का वायदा सच्चा है