90حَتّىٰ إِذا بَلَغَ مَطلِعَ الشَّمسِ وَجَدَها تَطلُعُ عَلىٰ قَومٍ لَم نَجعَل لَهُم مِن دونِها سِترًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयहाँ तक कि जब वह सूर्योदय स्थल पर जा पहुँचा तो उसने उसे ऐसे लोगों पर उदित होते पाया जिनके लिए हमने सूर्य के मुक़ाबले में कोई ओट नहीं रखी थी