81فَأَرَدنا أَن يُبدِلَهُما رَبُّهُما خَيرًا مِنهُ زَكاةً وَأَقرَبَ رُحمًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइसलिए हमने चाहा कि उनका रब उन्हें इसके बदले दूसरी संतान दे, जो आत्मविकास में इससे अच्छा हो और दया-करूणा से अधिक निकट हो