78قالَ هٰذا فِراقُ بَيني وَبَينِكَ ۚ سَأُنَبِّئُكَ بِتَأويلِ ما لَم تَستَطِع عَلَيهِ صَبرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ताकि खाने का सहारा होता) खिज्र ने कहा मेरे और आपके दरमियान छुट्टम छुट्टा अब जिन बातों पर आप से सब्र न हो सका मैं अभी आप को उनकी असल हक़ीकत बताए देता हूँ