67قالَ إِنَّكَ لَن تَستَطيعَ مَعِيَ صَبرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीकि जो रहनुमाई का इल्म आपको है (ख़ुदा की तरफ से) सिखाया गया है उसमें से कुछ मुझे भी सिखा दीजिए खिज्र ने कहा (मै सिखा दूँगा मगर) आपसे मेरे साथ सब्र न हो सकेगा