63قالَ أَرَأَيتَ إِذ أَوَينا إِلَى الصَّخرَةِ فَإِنّي نَسيتُ الحوتَ وَما أَنسانيهُ إِلَّا الشَّيطانُ أَن أَذكُرَهُ ۚ وَاتَّخَذَ سَبيلَهُ فِي البَحرِ عَجَبًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "ज़रा देखिए तो सही, जब हम उस चट्टान के पास ठहरे हुए थे तो मैं मछली को भूल ही गया - और शैतान ही ने उसको याद रखने से मुझे ग़ाफ़िल कर दिया - और उसने आश्चर्य रूप से दरिया में अपनी राह ली।"