61فَلَمّا بَلَغا مَجمَعَ بَينِهِما نَسِيا حوتَهُما فَاتَّخَذَ سَبيلَهُ فِي البَحرِ سَرَبًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर जब वे दोनों संगम पर पहुँचे तो वे अपनी मछली से ग़ाफ़िल हो गए और उस (मछली) ने दरिया में सुरंह बनाती अपनी राह ली