46المالُ وَالبَنونَ زينَةُ الحَياةِ الدُّنيا ۖ وَالباقِياتُ الصّالِحاتُ خَيرٌ عِندَ رَبِّكَ ثَوابًا وَخَيرٌ أَمَلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) माल और औलाद (इस ज़रा सी) दुनिया की ज़िन्दगी की ज़ीनत हैं और बाक़ी रहने वाली नेकियाँ तुम्हारे परवरदिगार के नज़दीक सवाब में उससे कही ज्यादा अच्छी हैं और तमन्नाएँ व आरजू की राह से (भी) बेहतर हैं