40فَعَسىٰ رَبّي أَن يُؤتِيَنِ خَيرًا مِن جَنَّتِكَ وَيُرسِلَ عَلَيها حُسبانًا مِنَ السَّماءِ فَتُصبِحَ صَعيدًا زَلَقًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो अनक़ीरब ही मेरा परवरदिगार मुझे वह बाग़ अता फरमाएगा जो तेरे बाग़ से कहीं बेहतर होगा और तेरे बाग़ पर कोई ऐसी आफत आसमान से नाज़िल करे कि (ख़ाक सियाह) होकर चटियल चिकना सफ़ाचट मैदान हो जाए