39وَلَولا إِذ دَخَلتَ جَنَّتَكَ قُلتَ ما شاءَ اللَّهُ لا قُوَّةَ إِلّا بِاللَّهِ ۚ إِن تَرَنِ أَنا أَقَلَّ مِنكَ مالًا وَوَلَدًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब तू अपने बाग़ में आया तो (ये) क्यों न कहा कि ये सब (माशा अल्लाह ख़ुदा ही के चाहने से हुआ है (मेरा कुछ भी नहीं क्योंकि) बग़ैर ख़ुदा की (मदद) के (किसी में) कुछ सकत नहीं अगर माल और औलाद की राह से तू मुझे कम समझता है