24إِلّا أَن يَشاءَ اللَّهُ ۚ وَاذكُر رَبَّكَ إِذا نَسيتَ وَقُل عَسىٰ أَن يَهدِيَنِ رَبّي لِأَقرَبَ مِن هٰذا رَشَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदबल्कि अल्लाह की इच्छा ही लागू होती है। और जब तुम भूल जाओ तो अपने रब को याद कर लो और कहो, "आशा है कि मेरा रब इससे भी क़रीब सही बात ही ओर मार्गदर्शन कर दे।"