और इसी तरह हमने उन्हें उठा खड़ा किया कि वे आपस में पूछताछ करें। उनमें एक कहनेवाले ने कहा, "तुम कितना ठहरे रहे?" वे बोले, "हम यही कोई एक दिन या एक दिन से भी कम ठहरें होंगे।" उन्होंने कहा, "जितना तुम यहाँ ठहरे हो उसे तुम्हारा रब ही भली-भाँति जानता है। अब अपने में से किसी को यह चाँदी का सिक्का देकर नगर की ओर भेजो। फिर वह देख ले कि उसमें सबसे अच्छा खाना किस जगह मिलता है। तो उसमें से वह तुम्हारे लिए कुछ खाने को ले आए और चाहिए की वह नरमी और होशियारी से काम ले और किसी को तुम्हारी ख़बर न होने दे