109قُل لَو كانَ البَحرُ مِدادًا لِكَلِماتِ رَبّي لَنَفِدَ البَحرُ قَبلَ أَن تَنفَدَ كَلِماتُ رَبّي وَلَو جِئنا بِمِثلِهِ مَدَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "यदि समुद्र मेरे रब के बोल को लिखने के लिए रोशनाई हो जाए तो इससे पहले कि मेरे रब के बोल समाप्त हों, समुद्र ही समाप्त हो जाएगा। यद्यपि हम उसके सदृश्य एक और भी समुद्र उसके साथ ला मिलाएँ।"