92أَو تُسقِطَ السَّماءَ كَما زَعَمتَ عَلَينا كِسَفًا أَو تَأتِيَ بِاللَّهِ وَالمَلائِكَةِ قَبيلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदया आकाश को टुकड़े-टुकड़े करके हम पर गिरा दो जैसा कि तुम्हारा दावा है, या अल्लाह और फ़रिश्तों ही को हमारे समझ ले आओ,