87إِلّا رَحمَةً مِن رَبِّكَ ۚ إِنَّ فَضلَهُ كانَ عَلَيكَ كَبيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीमगर ये सिर्फ तुम्हारे परवरदिगार की रहमत है (कि उसने ऐसा किया) इसमें शक़ नहीं कि उसका तुम पर बड़ा फज़ल व करम है