86وَلَئِن شِئنا لَنَذهَبَنَّ بِالَّذي أَوحَينا إِلَيكَ ثُمَّ لا تَجِدُ لَكَ بِهِ عَلَينا وَكيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(इसकी हक़ीकत नहीं समझ सकते) और (ऐ रसूल) अगर हम चाहे तो जो (क़ुरान) हमने तुम्हारे पास 'वही' के ज़रिए भेजा है (दुनिया से) उठा ले जाएँ फिर तुम अपने वास्ते हमारे मुक़ाबले में कोई मददगार न पाओगे