86وَلَئِن شِئنا لَنَذهَبَنَّ بِالَّذي أَوحَينا إِلَيكَ ثُمَّ لا تَجِدُ لَكَ بِهِ عَلَينا وَكيلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि हम चाहें तो वह सब छीन लें जो हमने तुम्हारी ओर प्रकाशना की है, फिर इसके लिए हमारे मुक़ाबले में अपना कोई समर्थक न पाओगे