83وَإِذا أَنعَمنا عَلَى الإِنسانِ أَعرَضَ وَنَأىٰ بِجانِبِهِ ۖ وَإِذا مَسَّهُ الشَّرُّ كانَ يَئوسًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब हमने आदमी को नेअमत अता फरमाई तो (उल्टे) उसने (हमसे) मुँह फेरा और पहलू बचाने लगा और जब उसे कोई तकलीफ छू भी गई तो मायूस हो बैठा