71يَومَ نَدعو كُلَّ أُناسٍ بِإِمامِهِم ۖ فَمَن أوتِيَ كِتابَهُ بِيَمينِهِ فَأُولٰئِكَ يَقرَءونَ كِتابَهُم وَلا يُظلَمونَ فَتيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउस दिन (को याद करो) जब हम तमाम लोगों को उन पेशवाओं के साथ बुलाएँगें तो जिसका नामए अमल उनके दाहिने हाथ में दिया जाएगा तो वह लोग (खुश खुश) अपना नामए अमल पढ़ने लगेगें और उन पर रेशा बराबर ज़ुल्म नहीं किया जाएगा