71يَومَ نَدعو كُلَّ أُناسٍ بِإِمامِهِم ۖ فَمَن أوتِيَ كِتابَهُ بِيَمينِهِ فَأُولٰئِكَ يَقرَءونَ كِتابَهُم وَلا يُظلَمونَ فَتيلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(उस दिन से डरो) जिस दिन हम मानव के प्रत्येक गिरोह को उसके अपने नायक के साथ बुलाएँगे। फिर जिसे उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया, तो ऐसे लोग अपना कर्मपत्र पढ़ेंगे और उनके साथ तनिक भी अन्याय न होगा