69أَم أَمِنتُم أَن يُعيدَكُم فيهِ تارَةً أُخرىٰ فَيُرسِلَ عَلَيكُم قاصِفًا مِنَ الرّيحِ فَيُغرِقَكُم بِما كَفَرتُم ۙ ثُمَّ لا تَجِدوا لَكُم عَلَينا بِهِ تَبيعًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदया तुम इससे निश्चिन्त हो कि वह फिर तुम्हें उसमें दोबारा ले जाए और तुमपर प्रचंड तूफ़ानी हवा भेज दे और तुम्हें तुम्हारे इनकार के बदले में डूबो दे। फिर तुम किसी को ऐसा न पाओ जो तुम्हारे लिए इसपर हमारा पीछा करनेवाला हो?