You are here: Home » Chapter 17 » Verse 65 » Translation
Sura 17
Aya 65
65
إِنَّ عِبادي لَيسَ لَكَ عَلَيهِم سُلطانٌ ۚ وَكَفىٰ بِرَبِّكَ وَكيلًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

"निश्चय ही जो मेरे (सच्चे) बन्दे है उनपर तेरा कुछ भी ज़ोर नहीं चल सकता।" तुम्हारा रब इसके लिए काफ़ी है कि अपना मामला उसी को सौंप दिया जाए