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Sura 17
Aya 59
59
وَما مَنَعَنا أَن نُرسِلَ بِالآياتِ إِلّا أَن كَذَّبَ بِهَا الأَوَّلونَ ۚ وَآتَينا ثَمودَ النّاقَةَ مُبصِرَةً فَظَلَموا بِها ۚ وَما نُرسِلُ بِالآياتِ إِلّا تَخويفًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और हमें मौजिज़ात भेजने से किसी चीज़ ने नहीं रोका मगर इसके सिवा कि अगलों ने उन्हें झुठला दिया और हमने क़ौमे समूद को (मौजिज़े से) ऊँटनी अता की जो (हमारी कुदरत की) दिखाने वाली थी तो उन लोगों ने उस पर ज़ुल्म किया यहाँ तक कि मार डाला और हम तो मौजिज़े सिर्फ डराने की ग़रज़ से भेजा करते हैं