38كُلُّ ذٰلِكَ كانَ سَيِّئُهُ عِندَ رَبِّكَ مَكروهًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइनमें से प्रत्येक की बुराई तुम्हारे रब की स्पष्ट में अप्रिय ही है